डि लाईट न्यूज गरीब की आवाज से यूपी स्टेट हेड मनोज कुमार अग्रहरि की खाश रिपोर्ट ब्रेकिंग न्यूज चित्रकूट शिशु की 6 माह की आयु तक शीघ्र व केवल स्तनपान उसके जीवन की रक्षा के लिए अत्यन्त आवश्यक है, परन्तु समाज में प्रचलित विभिन्न मान्यताओं व मिथकों के कारण 6 माह तक "केवल स्तनपान सुनिश्चित नहीं हो पाता है,
डि लाईट न्यूज गरीब की आवाज से यूपी स्टेट हेड मनोज कुमार अग्रहरि की खाश रिपोर्ट ब्रेकिंग न्यूज चित्रकूट शिशु की 6 माह की आयु तक शीघ्र व केवल स्तनपान उसके जीवन की रक्षा के लिए अत्यन्त आवश्यक है, परन्तु समाज में प्रचलित विभिन्न मान्यताओं व मिथकों के कारण 6 माह तक "केवल स्तनपान सुनिश्चित नहीं हो पाता है,
बल्कि परिवार के सदस्यों द्वारा शिशु को घुट्टी शहद चीनी का घोल आदि का सेवन करा दिया जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप शिशुओं में कई प्रकार के संक्रमण हो जाते है, जोकि शिशु के स्वस्थ जीवन के लिए अत्यन्त घातक सिद्ध होता है। शोध में पाया गया है कि शिशुओं को केवल स्तनपान कराने में माँ के दूध के साथ-साथ पानी पिलाना, प्रमुख बाधाओं में से एक हैं, और यह व्यवहार गर्मियों में बढ़ जाता है। मां के दूध में अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है और शिशु की पानी की आवश्यकता केवल स्तनपान से पूरी हो जाती है अतः शिशु को 6 माह तक ऊपर से पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है गत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी गर्मियों में शिशु में केवल स्तनपान सम्बन्धी व्यवहार सुनिश्चित करने हेतु 01 मई 2023 से 30 जून, 2023 तक समस्त कन्वर्जेन्स विभागों - आई.सी.डी.एस. स्वास्थ्य पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, शिक्षा विभाग तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग तथा डेवलपमेंट पार्टनर्स के सहयोग से *पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान* (NO WATER, ONLY BREAST FEEDING CAMPAIGN)" आयोजित किया जा रहा है। अभियान के प्रचार-प्रसार हेतु आज दिनांक 04.05.2023 को बाल विकास परियोजना कर्वी अन्तर्गत
आगनवाड़ी केन्द्र शिवरामपुर में जिसमें सुश्री अमृतपाल कौर, मुख्य विकास अधिकारी महोदया की गरिमामयी उपस्थिति में पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान (NO WATER, ONLY BREAST FEEDING CAMPAIGN ) " का शुभारम्भ किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी महोदया ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना है कि शिशु की 06 माह की आयु तक शीघ्र व केवल स्तनपान उसके जीवन के रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। शिशु के जन्म के एक घण्टे के अन्दर स्तनपान कराया जाये तथा इसमें बढोत्तरी हो सके, उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि माँ का पहला दूध नवजात शिशु के लिए अमृत के समान है" यह शिशु का पहला टीकाकरण है जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है साथ ही यह शिशु का पेट साफ करने में मदद करता है भी के दूध में 90 प्रतिशत पानी होता है खासकर स्तनों से आने वाला पहला दूध जो शिशु की पानी की आवश्यकता पूरी करता है।
बाद में निकलने वाला गाढा दूध शिशु की आवश्यकता की समस्त पोषक तत्व प्रदान करता है जो शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए माँ के दूध में समस्त पोषण तत्व व उर्जा होती है यदि शिशु भूखा हो तो उसे भी का दूध दें, शिशु प्यास हो तो भी उसे केवल म का दूध दें मौसम के तापमान, आर्द्धता, नमी तथा शिशु के वजन के अनुासर उसे प्रतिदिन आ से 100 मिली लीटर, जन्म के पहले सप्ताह राधा 140 से 160 मिली, 03 से 06 माह तक के आयु में तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है यदि माँ केवल शिशु को स्तनपान करा रही है तो शिशु की सारी तरल पदार्थों की आवश्यकता केवल स्तनपान से ही पूरी हो जाती है। उन्होंने कहा कि समाज में प्रचलित विभिन्न मानताओं व मिश्रको के कारण 6 माह तक केवल स्तनपान सुनिश्चित नहीं हो पाता है बल्कि परिवार के सदस्यों द्वारा शिशु को छुट्टी, सहद, चीनी का घोल आदि का सेवन करा दिया जाता है जिसके परिणाम स्वरूप शिशुओं में कयी प्रकार के संक्रमण रह जाते है जो शिशु के जीवन के लिए अत्यंत घातक सिद्ध होता है। शोध में पाया गया है कि शिशुओं में केवल स्तनपान कराने में माँ के दूध के साथ केवल पानी पिलाना मुख्य बाधा में से एक है माँ के दूध में पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी की मात्रा पर्याप्त उपलब्ध होती हैं और शिशु की पानी की आवश्यकता केवल स्तनपान से पूरी हो जाती है। ऊपर से पानी देने से संक्रमण की संभावनाएं बढ़ जाती है। स्तनपान अभियान आयोजित कर स्तनपान की दर में वृद्धि होने के साथ ही शिशु दर में सुधार लाया जा सके। इस मौके पर श्री मनोज कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री पी०डी०विश्वकर्मा, बाल विकास परियोजना अधिकारी, कर्वी, श्री बीरेन्द्र कुमार कुशवाहा, बाल विकास परियोजना अधिकारी रामनगर, श्री बी०एल०गुप्ता, बाल विकास परियोजना अधिकारी, शहर सौम्या तिवारी, डी०एस०सी०ओ० यू०पी०टी०एस०यू० समस्त क्षेत्रीय मुख्य सेविकाओं एवं आंगनवाड़ी
कार्यकत्रियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
*जिला सूचना कार्यालय चित्रकूट*
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