'हर बच्चा स्कूल जाए': शिक्षा से वंचित थे लोहगाड़िया जाति के 12 बच्चे, जानकारी हुई तो खुद एडमिशन करने पहुंच गए प्रधानाध्यापक
डि लाईट न्यूज गरीब की आवाज से यूपी स्टेट हेड मनोज कुमार अग्रहरि की खाश ब्रेकिंग न्यूज चित्रकूट 'हर बच्चा स्कूल जाए': शिक्षा से वंचित थे लोहगाड़िया जाति के 12 बच्चे, जानकारी हुई तो खुद एडमिशन करने पहुंच गए प्रधानाध्यापक
लोहगाड़िया जाति के ज्यादातर लोग घुमंतू जीवन जीते हैं। खुले मैदान में रहना और रोजी-रोटी के लिए इधर-उधर घूमना ही इनके जीवन का हिस्सा है। इनमें अपने पुरखों का दिया हाथों का हुनर तो है, लेकिन इनमें से अधिकांश को पढ़नालिखना भी नहीं आता। लोहे को महिलाएं घन से पीट-पीटकर औजार की शक्ल देती हैं और पुरुष सुबह से इन्हें बेचने को बाजार निकल जाते हैं। यही इनकी जिंदगी है। यही करते-करते इनकी पीढ़ियां गुजर जाती हैं। चित्रकूट के कर्वी जिला मुख्यालय से प्रयागराज रोड पर सड़क से सटे मैदान में रंग-बिरंगे तिरपालों के कई झोपड़ी बनी दिखाई देती हैं। यहां जाकर आप देखते हैं तो यहां रहने वाली ज्यादातर महिलाओं और लड़कियों ने रंग-बिरंगे कपड़े पहन रखे हैं। सड़क किनारे रह रहे इन आधा दर्जन लोहगाड़िया परिवारों में करीब छोटे-बड़े मिलाकर 50 सदस्य हैं, लेकिन किसी ने भी स्कूल का मुंह नहीं देखा। ज्यादातर लोगों ने कहा, उन्हें पढ़ना-लिखना बिल्कुल नहीं आता। इक्का-दुक्का लोग ही होंगे, जो बस अपना नाम लिख लेते हैं। वे कहते हैं, 'पुरखों ने कभी पढ़ाई-लिखाई की ओर जाने ही नहीं दिया। कभी यहां कभी वहां भटकने के कारण मां-बाप स्कूल भेजने से डरते रहे। इसलिए पढ़ नहीं पाए। यही हाल हमारे बच्चों का भी है बच्चों के पास आधार कार्ड ही नहीं यह कहते हुए अधेड़ महिला सिर नीचे कर चुप्पी साध लेती है, दो मिनट बाद उदासी भरे लहजे में जवाब देती है कि वो भी चाहते हैं उनके बच्चों की जिंदगी उनकी तरह न गुजरे, लेकिन उनके मुताबिक हालात उनके साथ नहीं हैं। इनके ज्यादातर बच्चों के पास आधार कार्ड ही नहीं हैं। बच्चों के जन्मतिथि का कोई भी प्रमाण इनके पास नहीं है। नगर क्षेत्र के सती सीता प्राथमिक विद्यालय की शिक्षामित्र विद्या गुप्ता ने ऐसे ही कुछ बच्चों को चिन्हित कर इसकी सूचना प्रधानाध्यापक विजय प्रकाश शुक्ला को दी। प्रधानाध्यापक ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए खुद इनकी बस्ती में जाकर इनके प्रवेश फॉर्म भरे। मोबाइल से बच्चों की फोटो खींचकर बनवाया। साथ ही इनके अभिभावकों को आश्वस्त किया कि आप चिंता न करे, इनका आधार हम बनवाकर साथ ही कॉपी, किताब आदि बेसिक शिक्षा विभाग से प्राप्त होने वाली सभी सुविधाएं इन बच्चों को दिलाई
जाएंगी। विद्यालय में बच्चों का किया गया स्वागत शनिवार को की गई मेहनत आज उस समय रंग लाई, जब इस बस्ती के करीब एक दर्जन बच्चे स्कूल आ गए। विद्यालय में इन बच्चों का स्वागत किया गया। पहली बार स्कूल आकर बच्चे बहुत खुश थे। विद्यालय में बहुत से नए दोस्त पाकर इनकी खुशी मानो चौगुनी हो गई। सभी बच्चों ने बहुत ही उत्साह से साथ मध्याह्न भोजन में हिस्सा लिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने की सराहना सभी बच्चों को विद्यालय में उपलब्ध पुस्तकें भी दी गईं। बस्ते भी दिए गए। प्रधानाध्यपक के अनुसार, सारे आवश्यक अभिलेख जुटा कर एक-दो दिन में इनका
प्रवेश कर लिया जाएगा। इस पहल की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव रंजन मिश्रा ने सराहना की है। उन्होंने कहा, स्कूल न जाने वाले सभी बच्चों को सर्वे में चिन्हित कर पास के परिषदीय विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा।
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